ताड़ आसन या ताड़ासन
ताड़ासन- ताड़ासन को समस्थिति भी कहते हैं। ताड़ का अर्थ होता है पहाड़। ताड़ एक
प्रकार का लम्बा पेड़ भी होता है। पहाड़या ताड़ पेड़ की तरह स्थिर निश्चल सीधा खड़े रहना ही ताड़ासन कहलाता है। यह दो प्रकार से किया जाता है।
ताड़ासन- ताड़ासन को समस्थिति भी कहते हैं। ताड़ का अर्थ होता है पहाड़। ताड़ एक
प्रकार का लम्बा पेड़ भी होता है। पहाड़या ताड़ पेड़ की तरह स्थिर निश्चल सीधा खड़े रहना ही ताड़ासन कहलाता है। यह दो प्रकार से किया जाता है।
योगासन करते समय कुछ सावधानियाँ-
जगह- योगासन हवादार स्वच्छ व समतल होनी चाहिए। अगर कमरे के अंदर यदि योग कर रहे हैं तो सभी खिड़की दरवाजे खुले रहें विशेषकर ऐसी जगह का चयन करें जहां पर हवा का आवागमन सुचारू रूप से होता हो।
जगह पर कम्बल या चटाई बिछाकर करें। योगा मैट का प्रयोग काफी अच्छा रहता है क्योंकि उससे आपकी हाथ पैरों की ग्रिप बनी रहती है और आप आसनों को ठीक प्रकार कर पाते हैं।
स्वास्थ्य एवं सौन्दर्य सुरक्षा में योग का
महत्त्व-
योग द्वारा शरीर के समस्त अंग प्रत्यंग सुचारू
ढंग से कार्य करते हैं। वे सशक्त तथा सुदृढ़ होते
हैं। योग आसनों से स्नायुबन्ध (लिगमेन्ट्स) रीढ़
की हड्डी की स्रायु माँसपेशियाँ, धमनियाँ तथा
शिराएँ लचीले सशक्त एवं सुदृढ़ होते हैं । संधियों,
स्रायु तथा धमनियों को कठोर बनाने वाले तत्त्व,
कॉलेस्ट्रॉल (एल. डी. एल.) यूरिक एसिड आदि
नियंत्रित होते हैं। ऐच्छिक मांसपेशियाँ, अस्थिसंधियाँ
विशेष रूप से हाथ, पैर, छाती व कन्धे की
मांसपेशियाँ समानुपात में विकसित होकर उन्हें