बेलाडोना या अंगूर शफा

1. अंगूरशफा

(बेल्लाडोन्ना)

औषधीय गुण

पौधे की जड़ों को छोड़कर अन्य सभी भाग सुखाकर औषधि में प्रयोग होते हैं, ये

बेल्लाडोन्ना कहलाते हैं। कुल क्षारीय तत्त्व पौधे के विकास की बढ़ोतरी (अर्थात् आयु)

पर निर्भर करते हैं। जब फूल खिले हुए हों उस समय कम तथा हरे फलों से युक्त होने

पर बहुत अधिक होते हैं। जड़ें भी औषधि में शामिल की जाती हैं।

पत्तों तथा भूमि के ऊपर के अन्य अंगों से प्राप्त औषधि पसीना बनने की क्रिया

को मंद करती है। यह आमाशय की तथा मुंह से लार पैदा करने वाली ग्रंथियों की

होमियोपैथी के आविष्कारक कौन थे?

होमियोपैथी के आविष्कार डॉ० क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमन को माना जाता है। महात्मा हैनोमैन का जन्म 10 अप्रैल सन् 1755 ई० को
जर्मनी के सैक्सन राज्य के मैसेन नामक नगर में हुआ था। उनके पिता एक निर्धन व्यक्ति थे । वे मिट्टी के बर्तन तैयार करने वाले एक कारखाने में चित्र-कारी का काम करते थे । हैनीमैन के परिवार की गरीबी का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि रात्रि में अध्ययन के लिए हैनीमैन जिस मिट्टी के दीपक को जलाते थे, उसे उन्होंने स्वयं ही अपने हाथ से तैयार किया था।

विटामिन डी क्यों जरूरी है?

न्यूट्रिवर्ल्ड के डी3+के2में विटामिन डी3 60000 IU है व वितामिन K 500 mcg है। विटामिन D हमारे शरीर के लिए सबसे आवश्यक विटामिन में से एक है। यह D2 व D3 फॉर्म में पाया जाता है। यह शरीर मे हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक विटामिन है। यह शरीर मे कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस जैसे आवश्यक मिनिरल्स के अवशोषण को बढ़ा देता है। विटामिन डी के बारे में नित नई खोजें हो रही हैं, अब वैज्ञानिक ये मान रहे हैं कि विटामिन डी की मामूली कमी से भी शरीर में कैंसर, हृदयरोग संबंधी बीमारियों, डिप्रेशन, डायबिटीज़ और संक्रामक एवं सूजन संबंधी रोगों का ख़तरा बढ

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